कितने प्रश्न है उसके दिल में ,
मैं सबके हल कहाँ से लाऊं ।
तुम तो मुकड़ के चले गये पर ,
मै तुमसा छल कहाँ से लाऊं ।
तुमने गम देने की हद की ,
उसके दिल में नफरत भर दी ,
उसका दिल रखने को बोलो ,
मैं बिता कल कहाँ से लाऊं ।
उसके दिल में गिला यही है ,
क्यूँ तुमने दिल्लगी ये की है ,
तुमने तोडा उसका दिल अब ,
मैं उसका दिल कहाँ से लाऊं ।
तुम जो यूँ बेदर्द न होते ,
उसको ऐसे दर्द न होते ,
दर्द तुम्हे उसके समझा दूँ ,
मैं ऐसा बल कहाँ से लाऊं ।
जब भी होगा दिल का किस्सा ,
गम में तुम पाओगे हिस्सा ,
गम बोओगे गम काटोगे ,
ख़ुशी भरा पल कहाँ से लाऊं ।
मैं सबके हल कहाँ से लाऊं ।
तुम तो मुकड़ के चले गये पर ,
मै तुमसा छल कहाँ से लाऊं ।
तुमने गम देने की हद की ,
उसके दिल में नफरत भर दी ,
उसका दिल रखने को बोलो ,
मैं बिता कल कहाँ से लाऊं ।
उसके दिल में गिला यही है ,
क्यूँ तुमने दिल्लगी ये की है ,
तुमने तोडा उसका दिल अब ,
मैं उसका दिल कहाँ से लाऊं ।
तुम जो यूँ बेदर्द न होते ,
उसको ऐसे दर्द न होते ,
दर्द तुम्हे उसके समझा दूँ ,
मैं ऐसा बल कहाँ से लाऊं ।
जब भी होगा दिल का किस्सा ,
गम में तुम पाओगे हिस्सा ,
गम बोओगे गम काटोगे ,
ख़ुशी भरा पल कहाँ से लाऊं ।
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