मेरे जख्म गवाही में , मेरे साथ चलेंगे ,
दिल चाहे न चाहे ,गम दिन- रात जलेंगे ।
है दर्द अगर दोस्ती , तो माफ़ कीजिये ,
अच्छा है जो अब ,दुश्मनों के साथ चलेंगे ।
दिल चाहे न चाहे ,गम दिन- रात जलेंगे ।
है दर्द अगर दोस्ती , तो माफ़ कीजिये ,
अच्छा है जो अब ,दुश्मनों के साथ चलेंगे ।
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