वो आजमाते हैं ,
हमें बार बार ,
और हम रह जाते हैं ,
मौन हर बार,
इसलिए नही की,
हमारा खून पानी है ,
इसलिए नही की ,
80% बेईमानी है ,
ऐसा भी नही की ,
खौलती नही है शक्ति ,
ऐसा भी नही की ,
हममे नही है देश- भक्ति ,
यूं भी नही की ,
जवानों ने पहन रखी है चूड़ियाँ ,
यूं भी नही की ,
की रोकती हैं पाओं को बेड़ियाँ ,
बस इसलिए ही ,
दुश्मनों ने दिखाई है ताकत ,
बस इसलिए की ,
उनको खबर हो गई शायद ,
नेताओं ने ,
भारत की छवि ,
ऐसी डुबाई है ।
वो जान गये ,
भारत की सत्ता ,
कैसे,,,,,, के हाथ आई है ।
हमें बार बार ,
और हम रह जाते हैं ,
मौन हर बार,
इसलिए नही की,
हमारा खून पानी है ,
इसलिए नही की ,
80% बेईमानी है ,
ऐसा भी नही की ,
खौलती नही है शक्ति ,
ऐसा भी नही की ,
हममे नही है देश- भक्ति ,
यूं भी नही की ,
जवानों ने पहन रखी है चूड़ियाँ ,
यूं भी नही की ,
की रोकती हैं पाओं को बेड़ियाँ ,
बस इसलिए ही ,
दुश्मनों ने दिखाई है ताकत ,
बस इसलिए की ,
उनको खबर हो गई शायद ,
नेताओं ने ,
भारत की छवि ,
ऐसी डुबाई है ।
वो जान गये ,
भारत की सत्ता ,
कैसे,,,,,, के हाथ आई है ।
Bahut sahi kaha apne apni Rachna me...
ReplyDeletehttp://ehsaasmere.blogspot.in/
dhnyavad suresh agarwal adhir ji
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