बरबादियाँ जितनी भी मिलें कम है इश्क में ,
आफत में पड़े तब से जब से हम हैं इश्क में ।
बेवफाई , बेहयाई , बेसबब रुसवाइयां ,
क्या बताएं कैसे - कैसे , गम हैं इश्क में ।
जुदाइयों के पतझड़ , मिलन की बहारें ,
धूप - छाँव वाले , हर मौसम है इश्क में ।
गर राजे - दिल बयाँ न हो , बीमार हो जाएँ ,
और प्यार जो मिल जाये तो मरहम है इश्क में ।
आफत में पड़े तब से जब से हम हैं इश्क में ।
बेवफाई , बेहयाई , बेसबब रुसवाइयां ,
क्या बताएं कैसे - कैसे , गम हैं इश्क में ।
जुदाइयों के पतझड़ , मिलन की बहारें ,
धूप - छाँव वाले , हर मौसम है इश्क में ।
गर राजे - दिल बयाँ न हो , बीमार हो जाएँ ,
और प्यार जो मिल जाये तो मरहम है इश्क में ।
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