Thursday, January 31, 2013

मैंने कहा सुन ऐ ख़ुशी

मैंने कहा सुन ऐ ख़ुशी , मुझसे तेरी क्यूँ बनती नही ।
अनबन भी ऐसी क्या कहो , मैं हूँ कहीं तुम हो कहीं ।

उसने कहा ऐ नादान सुन , तूने कहा जो है सच नही ।
मैंने तुझे ढूंढा बहुत  ,  तू  ही  कहीं  मिलती  नही ।

कलियाँ मुझे कल रोककर , फूलों का देती थी वास्ता ,
देखो बहारें आ गईं , गुलशन में तू क्यूँ रूकती नही ।

मौसम जरा नाराज था  ,  कहने लगा यूँ रूठ कर ,
मैं तकता हूँ  रस्ता तेरा , तू मेरी राहें  तकती नही ।

मतलब यही आखिर में था , मेरा ही मैं ,मैं खो गई ,
निकली हूँ मैं तलाश में ,  मैं हूँ कहाँ, मैं ढूंढू कहीं ।

Wednesday, January 30, 2013

शायरी

सौ  दुश्मन बने मेरे किसी ने कुछ नही कहा ,

इक दोस्त क्या बनाया सौ ऊँगली उठ गई ।

शायरी

उसे जब से खबर हुई  , मुझे भी दर्द होता है ।

 उसने दर्द देने में कसर बाकी नही रखी ।

Tuesday, January 29, 2013

ऐ इश्क तू इतना बता तेरे और कितने रंग है

देखकर हम इश्क की  ,  इतनी रिवायत दंग हैं ।
ऐ इश्क तू इतना बता , तेरे और कितने रंग है ।

इक तरफ है दिल मेरा , इक तरफ दिलबर मेरा ,
किसको मैं दुश्मन कहूँ , किससे कहो मेरी जंग है ।
 ऐ इश्क तू इतना बता , तेरे और कितने रंग है ।

दर्द से जब आशिकी है , परहेज हम किससे करें ,
अपनी ही आदत से यारों , अपना ही दिल तंग है ।
ऐ इश्क तू इतना बता , तेरे और कितने रंग है ।

हँसते -हँसते रो दिए, कभी रोते -रोते हंस दिए ,
साथ है  , सारा जमाना , हम न खुद के संग है ।
 ऐ इश्क तू इतना बता , तेरे और कितने रंग है ।

बीच दोराहें  खड़े  हैं , जाएँ इधर की जाएँ उधर ,
एक रस्ता खुलता नही है ,  एक रस्ता बंद है ।
ऐ इश्क तू इतना बता , तेरे और कितने रंग है ।

Monday, January 28, 2013

शायरी

तुम्हे जाना था तो जाते , बस इक बार कह देते  ,
कसम इस दोस्ती की , मैं कभी आवाज ना देती ।

इशारे भी जो कर  देते  , न मैं  कहती ठहर जाओ ,
न  फिर मेरे  बुलाने से , तुम्हे उलझन हुई होती ।

Sunday, January 27, 2013

मुझे मेरा दर्द है प्यारा मेरे अंदर ही रहने दो

जब अपना दिल नही अपना , गिला गैरों से क्या करना  ,
 मेरी बरबादी  का  इल्जाम  ,  मेरे  सर  ही  रहने  दो ।

जला है या मिटा है दिल  , है ये तोहफा मुहब्बत का   ,
मेरी  दौलत  है  ये  यारों  , ये  मेरे  दर  ही  रहने  दो ।

न थी  तूफान में ताकत  ,  हमें  गर्दिश में लाने  की ,
मेरे कातिल को तुम यारों  ,  मेरा रहबर ही रहने दो  ।

मुझे मालूम है , मंजिल नही  , होनी  मय्यसर अब  ,
मेरी किस्मत में है सफर लिखा ,सफर  ही रहने दो ।

मत पूछो ,   मेरे किस्से   ,  मेरी बातें   , मेरे हमदम ,
मुझे  मेरा  दर्द  है  प्यारा   ,  मेरे  अंदर  ही  रहने दो ।

शायरी

कितनी ख्वाहिश , कितनी हसरत पालते दिल में रहें ,

उड़ने की उम्मीद थी जमीं से आसमान तक ।

उम्र भर चलते रहें , पहुंचे कहाँ आखिर में हम ,

कुछ अधूरे खाब लेके , राह से श्मशान तक ।

Saturday, January 26, 2013

गणतंत्र दिवस की आप सबको ढेरों शुभकामनायें

एक ही दिल था सीने में , वतन  के नाम कर आये ,

दूसरा दिल सनम तेरे वास्ते  , लाये कहाँ से हम । 

Friday, January 25, 2013

शायरी

बड़ी अजीब है इंसान की हालत की क्या कहने  ,

ख़ुशी हो गम हो इसे हर बात पे रोना ही आता है । 

शायरी

मैं कुछ कह नही सकती उसकी फितरत वो ही जाने ,

दीवाना है ,न जाने कब ,उसका दिल किसपे आ जाये ।

तिरंगे का कफन देना

यही ख्वाहिश खुदा हर जनम  हिन्दोस्तां वतन देना ,
                अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना ।

न दे दौलत न दे शोहरत , कोई शिकवा नही हमको ,
             झुका दूँ सर मैं दुश्मन का मुझे हिम्मत का धन देना ।

मेरे हर कतरे - कतरे में , हिन्दुस्तान लिख देना ,
                और जब मौत हो, तन पे ,  तिरंगे का कफन देना ।




Thursday, January 24, 2013

शायरी

जमाने बित जायेंगे , फसाने याद आयेंगे ।
                     रूठने और मनाने के ,बहाने याद आयेंगे ।

 खून के रिश्तों से भी हैं बड़े , दिल के ये रिश्तें  ,
                  निभाएंगे  न जब अपने  , बेगाने  याद आयेंगे ।

Wednesday, January 23, 2013

दोस्ती का सिला

उसने कहा ,ये दोस्ती का कैसा सिला देते हो ।
                 दोस्ती के नाम को ही मिटटी में मिला देते हो।

मैं नफरत से जिसको फ़ना  कर  देता हूँ ,
                 तुम मुहब्बत से फिर उसको जिला देते हो ।

मैंने हंसके कहा , दोस्ती का सिला देती हूँ ।
                  तेरे नफरत में अपना प्यार मिला देती हूँ ।

बद्दुआ सर पे न आये तेरे इन कलियों की ,
                     मैं हवा बनके फिर उनको खिला देती हूँ ।

इश्क पहले से है बदनाम और बदनाम मत करना

दिल के  किस्से को दुनियां में ,
                       सरेआम मत करना ।
इश्क पहले से है बदनाम ,
                और बदनाम मत करना ।
निभा सकते नही जो तुम ,
                वो वादें कर के मत जाना ,
ख़ुशी न दे सको मुझको  ,
                तो गम भी नाम मत करना ।
बड़ी मुद्दत के बाद ,
                     आया है ऐतवार किसी पे ,
मेरी बेमोल चाहत को  ,
                     कभी बेनाम मत करना ।
कहीं जो हम बिछड़ जाएँ ,
                     चाह के भी न मिल पायें ,
मेरे नाम पे बरबाद ,
                  तुम हर शाम मत करना ।
मुहब्बत में तो आएगी  ,
                 मिलन भी और जुदाई भी ,
जरा सी बात पे ए जां ,
                  बुरा अंजाम मत करना ।
दिल के  किस्से को दुनियां में ,
                       सरेआम मत करना ।
इश्क पहले से है बदनाम ,
                और बदनाम मत करना ।


Tuesday, January 22, 2013

बहुत रोयें हैं हम याद तेरी आने के बाद

बहुत रोयें हैं , हम याद तेरी  , आने के बाद ।
फिर न ठहरा है , कोई दिल में , तेरे जाने के बाद ।


इतने टुकड़े हुए दिल के  , की सहेजा न गया ,
दिल की कीमत की अदा , दिल खरीदा न गया ,
दिल लगा ही न ,कहीं दिल को ,लगाने के बाद ।
 बहुत रोयें हैं , हम याद तेरी  , आने के बाद ।

तेरा चर्चा ही , अपने दिल में  , हर जगह देखा  ,
जब भी देखा है , तुझे तुझमे ही ,  खुदा  देखा ,
रहा न दिल मेरा , मेरा तेरे ,  आजमाने के बाद ।
बहुत रोयें हैं , हम याद तेरी  , आने के बाद ।

आँखें तरसी   ,  कोई मंजर   , न मिला ,
प्यास दिल में ,  रही , समन्दर से गिला  ,
आँखें बरसा की , तुझे देख न , पाने के बाद ।
बहुत रोयें हैं , हम याद तेरी  , आने के बाद ।

बेबसी  ,  बेखुदी   ,  का  जोर  भी  है ,
दिल का पैमाना ,भर गया है , दर्द और भी है ,
गम ही पाया , खुशियाँ तेरी , ठुकराने के बाद  ।
 बहुत रोयें हैं , हम याद तेरी  , आने के बाद ।

शायरी

काँटों से कहाँ डर  है  , फूलों से खौफ करिये    ,

चुभन तो भूल जायेंगे  , खुशबू  दिल से न जाएगी ।


Monday, January 21, 2013

शायरी

तेरी नफरत बयाँ करतीं है राजे दिल हम से  ,

हम तेरे दिल में हों न हों तेरे जेहन में तो हैं ।

गैरों को दोस्त-दोस्त कहके बुलाता होगा

जब कभी दर्द में तुझे चैन न आता होगा ।
                     तेरा गम कोई जब समझ नही पाता होगा ।

रखके हाथ अपने दिल पे तू सोया होगा ,
                     दोस्ती चीज क्या है ,याद तो आता होगा ।

अपने हालात पे तुझको तरस आती होगी ,
                   अपना गम मुस्कुराहटों में छुपाता होगा ।

जब न हमदर्द कोई दुनियां में मिला होगा ,
                 गैरों को दोस्त-दोस्त कहके बुलाता होगा ।

Sunday, January 20, 2013

शायरी

वक्त की आजमाइश इतनी न कीजिये,

सुना है ,वक्त आजमाता है तो  तोड़ देता है ।

शायरी

तुझे बरबादियों का  शौख है ,
तेरी मर्जी ,
अपनी बदनीयती को ,
किस्मतों के नाम न कर ।
गर तेरे दिल में दुश्मनी है ,
दुश्मनी ही सही ,
बेवजह दोस्ती का नाम तो ,
बदनाम न कर ।

टूटा हुआ मैं पत्ता ना घर है ना ठिकाना ( ग़जल )

टूटा हुआ मैं पत्ता  ,  ना घर है ना  ठिकाना ।
ले चल हवा तू मुझको , जिस ओर हो ले जाना ।


तूफ़ान का मारा  हूँ , किस्मत से मैं हारा  हूँ ,
किसी डाल पे था कलतक , अब दरबदर पड़ा हूँ ,
मेरी ख्वाहिशें घरौंदा , मेरे ख़ाब आशियाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता  ,  ना घर है ना  ठिकाना ।


न हिन्दू न मुसलमां हूँ , इक भूली दास्ताँ हूँ ,
सारा जहाँ है मेरा , पर मैं न किसी का हूँ ,
मजहब मेरी मुहब्बत , तबियत है आशिकाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता  ,  ना घर है ना  ठिकाना ।


बारिश में भी जला मैं  ,  पत्थर पे भी चला मैं ,
राहों  में  दिन गुजारा  ,  दुश्वारी  में  पला  मैं ,
मुझे याद बहुत आयें , गुजरा हुआ जमाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता  ,  ना घर है ना  ठिकाना ।


मंजिल न जाने क्या हो , ठहराव कब कहाँ हो ,
किसको पता है कल का , है आज कल कहाँ हो ,
हम ना रहेंगे  फिर भी , आएगा दिन सुहाना ।

टूटा हुआ मैं पत्ता  ,  ना घर है ना  ठिकाना ।

Saturday, January 19, 2013

दिवानों की दुआ

इक इश्क के गुनाह की  , इतनी बड़ी सज़ा ,
                     बता ऐ जिन्दगी तेरी , आगे है क्या रज़ा ।

दिल ने कहा ऐ इश्क ,जान लेले दिल को छोड़ ,
                 क्यूँ कर के रखा कैद  , मेरे दिल को बेवजा ।

या इश्क है बेदर्द या मेरा खुदा बहरा ,
                      सुनता ही नही है कोई , दिवानों की दुआ ।

शायरी

वास्ता न दो हमें खुशियों के जाम का ,
                गम से ही हैं पैमाने मेरे दिल के भर चुके ।

ये रौनकें जहां की , मेरे काम की नहीं ,
               हम जिन्दगी का सौदा अंधेरों से कर चुके ।

Friday, January 18, 2013

तू इसलिए खुदा बना की माफ़ करता है

तुममे और हममे बस इतना फर्क है ,
                  हम बोल के करते हैं ,तू चुपचाप करता है ।

हम हालात  के मारे हैं ,और वक्त के बस में  ,
                      तू एक -एक वक्त का ,इन्साफ करता है ।

हम चाहते हैं जब, मिलती नही ख़ुशी ,
                    तू चाहे जब ,खुशियों की बरसात करता है ।

हम अपनी गलतियों से ही ,इंसान रह गये ,
                  तू  इसलिए खुदा बना की माफ़ करता है ।

कुछ दोस्त साथ रखले

मौसम का रुख किधर है .
                      ठहर , भांप करके चल ।

मंजिल है कहाँ , जाना किधर ,
                                 साफ़ करके चल ।

कितना है सफर लम्बा ,
                             किसको भला खबर ,

कुछ दोस्त साथ रखले  ,
                          ख़ुशी साथ करके चल ।



दोजख वो जिन्दगी है

बेकार के फरेब से बाहर निकल के देख ,
तेरी दुनियां से ये दुनियां कितनी हसीन है ।

वो नासमझ नही तुझे जो माफ़ कर गया ,
नादान दिल से सोच वो कितना जहीन है ।

लानत है उस ख़ुशी पे जो गम देके पा रहे ,
ये पाप की गठरी है , तेरे पाप के दिन है ।

माँ बाप को भी तुमसे गर , आंसूं नसीब हो ,
दोजख वो जिन्दगी है जो ,दुआओं के बिन है ।


Thursday, January 17, 2013

कैसे हो भला उसका हकीकत से सामना

कैसे हो भला उसका हकीकत से सामना ,
वो आईने को देखते ही तोड़ देता है ।

जिस रास्ते से जाता हो मन्दिर का रास्ता  ,
वो दूर से ही उस गली को छोड़ देता है ।

हैरान हैं खुदाई भी उसके मिजाज़ से ,
इन्सान क्या खुदा से भी वो होड़ लेता है ।

नाराजगी है उसको जमाने से इस कदर,
कोई प्यार भी देता है तो मुख मोड़ लेता है । 

शायरी

नफरत हो या मुहब्बत ,
           दुश्मनी या  दोस्ती ।

खतम कहीं पे हो ,
            शुरू दिल से ही हुई  है।

शायद इसी को प्यार कहते हैं

रूप बदला कई जन्म बदले ,
रुत बदला और मौसम बदलें ,
वक्त बदला , फिर समय बदला ,
थोडा तुम बदले ,थोडा हम बदलें ,
मगर कुछ था ,
जो बदल के भी नही बदला ,
इक एहसास ,
जो दिल बेकरार करते हैं ।
इक तलाश ,
 जो हम बार बार करते हैं ।
अब हमको यकीन होने लगा ,
शायद इसी को प्यार कहते हैं ।

शायरी

मेरे जख्म गवाही में , मेरे साथ चलेंगे ,
                          दिल चाहे न चाहे ,गम दिन- रात जलेंगे ।
है दर्द अगर दोस्ती , तो माफ़ कीजिये ,
                         अच्छा है जो अब ,दुश्मनों के साथ चलेंगे । 

Wednesday, January 16, 2013

वक्त बेवफा भी है

वक्त के बदलाव का  ,ये सिलसिला भी है ,
जिससे हुआ है प्यार ,उससे गिला भी है ।

मंजिल पे खड़ा  हैं  ,  जमात हैं हजारों की ,
वही , रस्ते में था तो  , तन्हां चला भी है ।

चिंगारी ने जब चाहा है ,जला डाला आशियाँ ,
पर और जले उससे पहले , खुद जला भी है ।

हैं  निम - करेले में  , कडवाहटें  जितनी ,
नजरें बदल के देखलो ,  उतना भला भी है ।

है राज अँधेरे औ ,   उजाले का बस इतना ,
जिसका उदय हुआ है , इकदिन ढला भी है ।

इंसान ने इंसान को  ,धोखा दिया तो क्या ,
इंसान ने कई बार तो ,खुद को छला भी है ।

इतना न कर गुमान , वक्त किसका हुआ है  ,
ये  वफादार है जितना ,उतना बेवफा भी है । 

शायरी

झूठा ही सही  ,  आने का वादा किये जाओ   ,

तुम आओ न आओ , हम इंतज़ार कर लेंगे ।




Tuesday, January 15, 2013

मैं तुमसे मुहब्बत करती हूँ

नाम तुम्हारा लेके जब मैं ,
                      सर को झुकाया करती हूँ ।
खुदा  समझ लेते हैं की मैं  ,
                        उनका सजदा करती  हूँ ।

अरमांओँ के गहने  से जब ,
                           प्यार में तेरे सजती हूँ  ,
सूरज को शक होता हैं  ,
                       मैं उसके लिए संवरती र्हूँ ।

साँझ ढले जब छत पे जाकर ,
                               राह देखती हूँ तेरा  ,
चाँद गुमां कर  लेता है मैं ,
                           उसका रस्ता तकती हूँ ।

बैठ के तन्हाई में तुमसे  ,
                         कुछ कहती कुछ सुनती हूँ ,
वीराने  ने समझ लिया ,
                          मैं उससे  बातें  करती  हूँ ।

बड़ा ही मुश्किल हुआ है जीना ,
                         उलझन में अब रहती हूँ ।
किस- किस से जाकर बोलूँ  मैं ,
                        तुमसे मुहब्बत करती हूँ ।

Monday, January 14, 2013

देश हवाले करो हमारे हमको देश चलाने दो

देश हवाले  करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।
खत्म करो अब वक्त पुराना , नया जमाना आने दो ।

हटो भी अब, ना वेट करेंगे , देश को अप टू डेट करेंगे ,
नई  प्रथाएं  गढ़ने दो अब   ,  घिसी  प्रथाएं जाने दो ।
देश हवाले करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।

पहने चाहे धोती कोरी , नियत काली  ,हुई न गोरी ,
रहने दो अब कोट पेंट  ही ,  धोती कुरता जाने दो ।
देश हवाले  करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।

नील पीले लाल गुलाबी , रंग नही ये बुरे जरा भी ,
कलर जिन्दगी के जितने हैं , संसद में सब आने दो ।
देश हवाले  करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।

सिस्टम में कुछ चेंज करेंगे , डीजे साउन्ड अरेंज करेंगे ,
देख के विडियो थक जाएँ जब , म्यूजिक का रस पाने दो ।
देश हवाले  करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।

ऊँघ- ऊँघ  के सोते हैं जब , बहुत मुसीबत होती है तब ,
कुर्सी - कुर्सी बंद करो अब  ,  सोफे - सेट सजाने दो ।
देश  हवाले  करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।

रोज करें हैं माथा पच्ची , देश की हालत हुई न अच्छी ,
घर बैठे ही , मैसेज करके  ,  मुद्दे हमें सुलझाने दो  ।
देश हवाले  करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।

पास जो बैरी बसा करेंगे , वक़्त वक़्त पे डसा करेंगे ,
रोज -रोज  का रगडा छोडो , एक ही बार मिटाने दो ।
 देश हवाले  करो हमारे  ,  हमको देश चलाने दो ।

चाहे कल्चर बदल रहा हो , नई उमर का जोश नया  हो ,
लेकिन  हैं  तैयार  देश  पे  ,  वक़्त पड़े मिट जाने को ।
 देश हवाले  करो हमारे  ,   हमको देश चलाने दो ।

दिल ने जब बेकरार होके तुझे याद किया

दिल ने जब बेकरार होके  ,  तुझे याद किया ,
हो इन्तजार खत्म , दिल ने ये फरियाद किया ।

 बचा रखा था प्यार   , तुझपे लुटाने के लिए ,
रात रो- रो के आँखों ने  ,  उसे बरबाद किया ।

प्यार जितना रहा दिल में  ,  साथ होने पर ,
गम उतना ही मेरे दिल ने  , तेरे बाद किया ।

जब भी तन्हाई में  , विरानगी महसूस हुई ,
यादों के टुकड़ों चुने  ,और दिल आबाद किया ।

दिल ने जब बेकरार होके  , तुझे याद किया ,
हो इन्तजार खत्म , दिल ने ये फरियाद किया ।

Sunday, January 13, 2013

शायरी

मैं , हक दोस्ती का अदा कर  रही हूँ ।
                      बेवफा है वो और मैं  वफा  कर  रही हूँ।

वो मेरे लिए बद्दुआ बनके आया ,
                              मैं उसके लिए ही दुआ कर रही हूँ ।   

Thursday, January 10, 2013

सत्ता कैसे हाथ आई है

वो आजमाते हैं ,
हमें बार बार ,
और हम रह जाते हैं ,
मौन हर बार,
इसलिए नही की,
हमारा खून पानी है ,
इसलिए नही की ,
80% बेईमानी है ,
ऐसा भी नही की ,
खौलती नही है शक्ति ,
ऐसा भी नही की ,
हममे नही है देश- भक्ति ,
यूं  भी नही की ,
जवानों ने पहन रखी है चूड़ियाँ ,
यूं भी नही की ,
की रोकती हैं पाओं को बेड़ियाँ ,
बस इसलिए ही ,
दुश्मनों ने दिखाई है ताकत  ,
बस इसलिए की ,
उनको खबर हो गई शायद  ,
नेताओं ने ,
भारत की छवि ,
ऐसी  डुबाई है ।
वो जान गये ,
भारत की सत्ता ,
कैसे,,,,,, के हाथ आई है ।

फेसबुक

फेसबुक की लीला है ,
आंटी जी अब शीला है ।
नये परिंदों की क्या कहिये ,
ताऊ बना रंगीला है ।

कहे लुटेरा साधू है ,
चपरासी अब बाबू है ।
स्टेट्स का खेल है सारा ,
इंटरनेट का जादू है ।

फ्रेंडशिप की  सेल है ,
चैटिंग दिल का मेल है ।
हाय ,हेल्लो हाउ आर यू ,
लव यू मिस यू खेल है ।

लडके कितने चालू हैं ,
लडकी कितनी तेज है ।
पोस्टिंग लाइकिंग के पिछे ,
फ्लर्टिंग का सब क्रेज है ।

केअरिंग भी इक चारा है ,
वेटिंग पे दिल हारा है ।
होड़ लगी है शेयरिंग की ,
टैगिंग बना  सहारा है ।

लगी पड़ी है यंग- इंडिया ,
दिल ये बड़ा लुभाता है ।
किसके अंदर चोर है कितना ,
फेसबुक दिखलाता है । 

भारत दर्शन करलो भाई

नये वर्ष में नव भारत की , नई योजना की अगुआई ,
चर्चा का बाजार गरम है  ,  भारत दर्शन करलो भाई ।

है  चोरों  के  हाथ  में  शासन ,  दारोमदार  लुटेरों  पर ,
अँधा  राजा  , बहरे  मंत्री  ,  लूट  मची  है  जोरों  पर ,

मान हुआ है उसका ज्यादा , जिसने ज्यादा माल दबाई ।
चर्चा का बाजार गरम है  ,  भारत दर्शन करलो भाई ।

पूरब-पश्चिम,उत्तर -दक्षिण , राज्य-राज्य से भिड़े पड़े हैं ,
देश -प्रेम सब भाड़  में जाये , राज्य देश से बड़े - बड़े हैं ,

राज -धर्म सिखलाता है ये  , आपस में ही करो लड़ाई ।
चर्चा का बाजार गरम है  ,  भारत दर्शन करलो भाई ।

किसानों की हालत ये है  , रोज आत्महत्या करते हैं ,
इतनी  महंगी  हुई  है रोटी ,  आधे पेट भरा करते हैं ,

जीवन जीना दूभर है अब  ,  मुंह चिढाती है महंगाई ।
 चर्चा का बाजार गरम है ,भारत दर्शन करलो भाई ।

चलन कामिनी बनने का  अब  , ना राधा है ना सीता है ,
पुरुष भी अब पुरुषत्व भूलकर ,भंवरा सा बनकर जीता है ,

किसको दोष लगायेंगे जब ,अपनी लुटिया आप डूबाई ।
चर्चा  का बाजार गरम है  ,  भारत दर्शन करलो भाई ।

 जमुना और भी काली हो गईं , गंगा जी का सूखा पानी ,
संस्कार के नाम पे रह गये , बीते युग और बात पुरानी ,

इतना दूषित जन जीवन है , किस गौरव की करे दुहाई ।
चर्चा का बाजार गरम है  ,  भारत दर्शन करलो भाई ।

Wednesday, January 9, 2013

मेरा गम तेरे दिल में रहेगा

दिल की  कीमत तब समझोगे ,
             मुफ्त में जब कोई दिल ले लेगा ।
रोओगे तुम जिसके लिए वो ,
                  और किसी को दिल दे देगा ।
जिसको सब कुछ मानोगे तुम ,
                   वो जब तुमको गैर कहेगा ।
सारी उमर तडपायेगा गम ,
                    मरते दम तक दर्द रहेगा । 
याद तुम्हे आएगी मेरी ,
                    मेरे गम तब तू समझेगा ।
मै अब चाहे रहूँ कहीं भी ,
                 मेरा गम तेरे दिल में रहेगा ।

कितने प्रश्न है उसके दिल में

कितने प्रश्न है उसके दिल में ,
मैं सबके हल कहाँ से लाऊं ।
तुम तो मुकड़ के चले गये पर ,
मै तुमसा छल कहाँ से लाऊं ।

तुमने गम देने की हद की ,
उसके दिल में नफरत भर दी ,
उसका दिल रखने को बोलो ,
मैं बिता कल कहाँ से लाऊं ।

उसके दिल में गिला यही है ,
क्यूँ तुमने दिल्लगी ये की है ,
तुमने तोडा उसका दिल अब ,
मैं उसका दिल कहाँ से लाऊं ।

तुम जो यूँ  बेदर्द न होते ,
उसको  ऐसे दर्द न होते  ,
दर्द तुम्हे उसके समझा दूँ ,
मैं ऐसा बल कहाँ से लाऊं ।

जब भी होगा दिल का किस्सा ,
गम में तुम पाओगे हिस्सा ,
गम बोओगे गम काटोगे ,
ख़ुशी भरा पल कहाँ से लाऊं । 

Tuesday, January 8, 2013

दिल न होता

दर्द हुआ जब कम न दुआ से ,
बोला वो रो - रो के खुदा से ,
जीना यूँ  मुश्किल न होता ,
गर सीने में दिल न होता ।

बोले खुदा उसका गम सुनके ,
खाब भला फिर कैसे बुनते ,
प्रेम -दया फिर कुछ ना होता ,
जीवन रस बिन बेरस होता ।

दुआ भला कैसे रंग लाती ,
दर्द न रहता  , दवा न देते  ,
ख़ुशी न होती , रंज न होता ,
दिल न होता ,खुदा न होते ।

Sunday, January 6, 2013

कल का भारत कैसा होगा

 कल का भारत कैसा होगा ।

सच्चाई का शोसन होगा ,
बेईमानी का टयूशन होगा ,
मक्कारी पोजीशन  होगा ,
नेतागिरी इक फैशन  होगा ,

कल का भारत कैसा होगा ।

 खुद्दारी अपमान सहेगी ,
गिरे हुओं को मान मिलेगी ,
धोखे की दूकान सजेगी ,
चमचों की ही दाल गलेगी ,

कल का भारत कैसा होगा ।

जनता होना पाप रहेगा ,
नेताओं का जुल्म बढ़ेगा  ,
टैक्स बोझ सा रोज चढ़ेगा ,
मरने वाला और मरेगा ।

कल का भारत कैसा होगा ।

आश्वासन की रोटी बनेगी ,
भाषण की पकवान मिलेगी ,
पुरि वादों की रोज तलेगी  ,
किसी को राशन नही मिलेगी ।

कल का भारत कैसा होगा ।

Saturday, January 5, 2013

नेताओं पे रोना

न देश पे रोना  , न हालात पे रोना ,
न जुल्म पे रोना , न आघात पे रोना ।

माँ ने कहा बेटे से , इतना ही भला कर ,
हौसलों के साथ बस  , ताकत लगा के लड़ ।

कुछ भी बनना मगर,  नेता नही होना ,
रोना अगर आये तो , नेताओं  पे रोना ।

दिवानी सी हालत मेरी

रोज  किनारों  से  टकराकर , हार कहाँ  मानी  है अब तक  , 
प्यार में पागल साहिल के , लहरों का ये पागलपन देखो ।

उसी खाब को देख - देख के , रोज सुबह से शाम किया है ,
वही  नही  अब  पूरा  होगा  ,  रहा  अधूरा  जीवन  देखो ।

किस्मत से कब तक रुठेंगे , कब तक गिला करेंगे यूंही ,
वक्त अड़ा है साथ अड़े हम  , खत्म न होता  अनबन देखो ।

खतावार हम किसको बोले , दुनियां को या अपने दिल को ,
वर्षो में न सुलझी गुत्थी  ,  कैसी  उलझी  उलझन  देखो ।

उसी प्यार की आस में जाने , कितने मौसम बित गये हैं ,
बरसो ,अब तो बरसों बीते , सूना मन का आंगन देखो ।

इक- इक पल सदियों के जैसी , हर लम्हा काँटों के जैसा ,
दिवानी  सी हालत मेरी  ,  आ जाओ अब साजन  देखो ।

Friday, January 4, 2013

नेता

दलाली देश की करनी अगर आये तो ,नेता हो ,
क्यूंकि ,
 नेताओं में काबिलियत इतनी ही होती है ।

जो बात पे अपनी खरी उतरे न , नेता हो ,
क्यूँ की ,
नेताओं में इंसानियत इतनी ही होती है ।

दिल मेरा अब भी भटकता है

मेरे दिल से तेरे दिल का  ,
                इक रस्ता निकलता है ।
पहुंचता है नही, फिर भी ,
              मुसाफिर रोज चलता है ।

मंजिल ना मिले जब तक ,
              कहाँ हैं चैन इस दिल को ।
दिन  के साथ उगता है ,
                 रात  के साथ ढलता है ।

तुम्हारी आरजू में दिल मेरा ,
                  कल भी भटकता था ।
तुम्हारी आरजू में दिल मेरा ,
                     अब भी भटकता है ।

Thursday, January 3, 2013

नव वर्ष का आगाज इस तरह रखिये

 नव वर्ष का आगाज , इस तरह रखिये,
न जाति हिन्दू ऑ  , मुसलमा रखिये ।

इक मजहब , देस - प्रेम को बनाये सब ,
अपना ईमान-धरम ,हिन्दोस्तां रखिये ।

एक ही सपना , उन्नति वतन की हो ,
अपनी आँखों में , देश भक्ति ही बसा रखिये ।

झुक जाये कदमों में , खुद- ब -खुद दुनियां ,
देस का  रुतबा, कुछ इस तरह बना रखिये ।

मन से भेद - भाव , द्वेष को मिटाते चले ,
दिलों में हिन्दू -मुसलमां न, हिन्दुस्तां रखिये ।

Wednesday, January 2, 2013

इश्क में

बरबादियाँ जितनी भी मिलें कम है इश्क में ,
आफत में पड़े तब से जब से हम हैं इश्क में ।

बेवफाई , बेहयाई  , बेसबब  रुसवाइयां ,
क्या बताएं कैसे - कैसे ,  गम हैं इश्क में ।

जुदाइयों के पतझड़ ,  मिलन  की बहारें ,
धूप - छाँव  वाले  , हर मौसम है इश्क में ।

गर राजे - दिल बयाँ न हो , बीमार हो जाएँ ,
और प्यार जो मिल जाये तो मरहम है इश्क में ।

इश्क की रिवायत


न हथियार  है , न जंग है  , पर  जीत - हार  है  ,
दुनियां से दिल की ये बगावत  ही अलग है  ।

कुछ पाके भी रोये हैं  , कभी खोके भी हँसे ,
गम में भी खुश होने की ये आदत ही अलग है ।

अपना उसे कहते  है  , जो अपना नही हुआ,
इस इश्क की तो यारों रिवायत  ही अलग है ।

Tuesday, January 1, 2013

नये साल में कुछ नया करके देखें

ख़ुशी हम दिलों की  बयाँ करके देखें  ।
                 मौसम को फिर खुशनुमां करके देखें  ।

बिता बहुत कुछ बुरा कुछ भला था ,
                        हुई भूल जो सब भुला करके देखें ।

वादें करें आप से आप ही हम  ,
                    उन वादों को फिर निभा करके देखें ।

बदलते हुए वक्त में कुछ बदल लें ,
                        नये साल में कुछ  नया करके देखें ।