सब नफरत के गुण गाते थे ,
हम प्यार का कलमा पढ़ आये ।
सब मतलब-मतलब करते थे ,
हम बेमतलब की कर आये ।
वो देने को तो बैठे थे ,
हमको लेना मंजूर न था ।
हम लेन- देन में फंसे नही ,
और वापस अपने घर आये ।
हम प्यार का कलमा पढ़ आये ।
सब मतलब-मतलब करते थे ,
हम बेमतलब की कर आये ।
वो देने को तो बैठे थे ,
हमको लेना मंजूर न था ।
हम लेन- देन में फंसे नही ,
और वापस अपने घर आये ।
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