उस सैयाद ने , फरियाद दिल की , अनसुनी करके ,
अच्छा - भला दिल का जहाँ , बरबाद कर डाला ।
दिल कहता था , बंदी रख , उसने एक न सुनी ,
तरस खाया नही और , कैद से आजाद कर डाला ।
अच्छा - भला दिल का जहाँ , बरबाद कर डाला ।
दिल कहता था , बंदी रख , उसने एक न सुनी ,
तरस खाया नही और , कैद से आजाद कर डाला ।
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