जितना ज्यादा चाहा उसको ,
उतना ज्यादा गम कर बैठे ।
बातें उसकी सोंच सोंच के ,
आँखें अपनी नम कर बैठे ।
जिसको प्यार का पता नही था ,
उल्फत की कोई समझ नही थी ,
ऐसे सौदाई से क्यूँ कर ,
दिल का सौदा हम कर बैठे ।
उतना ज्यादा गम कर बैठे ।
बातें उसकी सोंच सोंच के ,
आँखें अपनी नम कर बैठे ।
जिसको प्यार का पता नही था ,
उल्फत की कोई समझ नही थी ,
ऐसे सौदाई से क्यूँ कर ,
दिल का सौदा हम कर बैठे ।
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