टूटे हुए रिश्तों को बचाने की कवायत ,
दिल रोज करता है , मगर हम नही करतें ।
उसकी दूरी के गम से दिल तडपता तो बहुत है ,
दिल मरता है उसकी याद में , हम नही मरते ।
जिद सी उठती तो है, शिकायत करने की लेकिन ,
हंसी होठो पे रखते हैं , उनसे हम नही लड़ते ।
वो भी डाल के बैठे हैं , अपने हाल पे चुप्पी ,
हम भी पास रहते हैं , मगर आगे नही बढ़ते ।
मुहब्बत कल भी थी , आज है , कल भी रहेगी ,
मगर दिल के झमेले में , फिर से हम नही पड़ते ।
किसे मालूम था , एक दिन ऐसा भी आएगा ,
टूटने ख़ाब हैं , गर जानते दिल में नही भरते ।
रफ्ता रफ्ता यूंही जिन्दगी , बित जाएगी ऐ दिल ,
जरा सी बात पे , रो- रो के शिकवा हम नही करते ।
दिल रोज करता है , मगर हम नही करतें ।
उसकी दूरी के गम से दिल तडपता तो बहुत है ,
दिल मरता है उसकी याद में , हम नही मरते ।
जिद सी उठती तो है, शिकायत करने की लेकिन ,
हंसी होठो पे रखते हैं , उनसे हम नही लड़ते ।
वो भी डाल के बैठे हैं , अपने हाल पे चुप्पी ,
हम भी पास रहते हैं , मगर आगे नही बढ़ते ।
मुहब्बत कल भी थी , आज है , कल भी रहेगी ,
मगर दिल के झमेले में , फिर से हम नही पड़ते ।
किसे मालूम था , एक दिन ऐसा भी आएगा ,
टूटने ख़ाब हैं , गर जानते दिल में नही भरते ।
रफ्ता रफ्ता यूंही जिन्दगी , बित जाएगी ऐ दिल ,
जरा सी बात पे , रो- रो के शिकवा हम नही करते ।
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