मतलब की बात करलो , है काम का मसला ,
कुछ बात तो होगी ही , आये न बेवजह ।
अब बंद करो रोज का , अपना ये फलसफा
मैं होश में रहूँ न रहूँ , तुमको इससे क्या ।
इस कदर भी गैरों का , ख्याल न करो ,
दुनियां यूंही चलती है , तूम मलाल न करो ।
होगा करम जो छोड़ दो , मेरे हाल पे मुझे ,
क्यूँ इस कदर जीते हैं , ये सवाल ना करो ।
कोई भी जतन करलो , मुझे कुछ नही कहना ,
मैं दर्दे - गम कैसे भी सहूँ , तुमको इससे क्या ।
मैं होश में रहूँ न रहूँ , तुमको इससे क्या ।
दुनियां क्या सोंचती है , बताते हो किसलिए ,
सुनना नही जब कुछ भी , सुनते हो किसलिए ।
कुछ भी हो हाल , हमने बुलाया नही तुम्हें ,
कुछ तो भरम रखते , तुम आते हो किसलिए ।
जब तुमने मुझे , अपना समझा ही नही है ,
तो मैं गैर कहूँ , अपना कहूँ , तुमको इससे क्या ।
मैं होश में रहूँ न रहूँ , तुमको इससे क्या ।
कुछ बात तो होगी ही , आये न बेवजह ।
अब बंद करो रोज का , अपना ये फलसफा
मैं होश में रहूँ न रहूँ , तुमको इससे क्या ।
इस कदर भी गैरों का , ख्याल न करो ,
दुनियां यूंही चलती है , तूम मलाल न करो ।
होगा करम जो छोड़ दो , मेरे हाल पे मुझे ,
क्यूँ इस कदर जीते हैं , ये सवाल ना करो ।
कोई भी जतन करलो , मुझे कुछ नही कहना ,
मैं दर्दे - गम कैसे भी सहूँ , तुमको इससे क्या ।
मैं होश में रहूँ न रहूँ , तुमको इससे क्या ।
दुनियां क्या सोंचती है , बताते हो किसलिए ,
सुनना नही जब कुछ भी , सुनते हो किसलिए ।
कुछ भी हो हाल , हमने बुलाया नही तुम्हें ,
कुछ तो भरम रखते , तुम आते हो किसलिए ।
जब तुमने मुझे , अपना समझा ही नही है ,
तो मैं गैर कहूँ , अपना कहूँ , तुमको इससे क्या ।
मैं होश में रहूँ न रहूँ , तुमको इससे क्या ।
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