आना मेरा गर , गंवारा न था तो ,
महफिल से जाने से क्यूँ रोकते हो ।
तुम्हे गर मुहब्बत , नही हमसे यारा ,
तो हम तुमको चाहें ये क्यूँ सोचते हो ।
गुजरते हो राहों से , कतराके ऐसे ,
जैसे की नाता नही कोई हमसे,
नजर सामने से , मिलाते नही जब ,
किसी और से हाल क्यूँ पूछते हो ।
बहुत गम हुआ , मेरी बातों से तुमको ,
खता बस हुई की हकीकत सुनाया ,
मुझे जब नही हक , शिकायत करूं मै ,
तो तुम ताने - बाने ही क्यूँ फेकते हो ।
तुम्हारे लिए , कितने आंसू बहाए ,
मगर दिल तुम्हारा न फिर भी पसीजा ,
बहुत हो गया , गिडगिडाना तडपना ,
न आयेंगे हम , राह क्यूँ देखते हो ।
महफिल से जाने से क्यूँ रोकते हो ।
तुम्हे गर मुहब्बत , नही हमसे यारा ,
तो हम तुमको चाहें ये क्यूँ सोचते हो ।
गुजरते हो राहों से , कतराके ऐसे ,
जैसे की नाता नही कोई हमसे,
नजर सामने से , मिलाते नही जब ,
किसी और से हाल क्यूँ पूछते हो ।
बहुत गम हुआ , मेरी बातों से तुमको ,
खता बस हुई की हकीकत सुनाया ,
मुझे जब नही हक , शिकायत करूं मै ,
तो तुम ताने - बाने ही क्यूँ फेकते हो ।
तुम्हारे लिए , कितने आंसू बहाए ,
मगर दिल तुम्हारा न फिर भी पसीजा ,
बहुत हो गया , गिडगिडाना तडपना ,
न आयेंगे हम , राह क्यूँ देखते हो ।
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