जो बिक जाये ईमान नही ,
ईमान नही, इंसान नही ।
मेरी दौलत , मेरी रहने दो ,
ईमान मेरा ,सामान नही ।
इक बार गिरे ,दो बार गिरे ,
तुमको गिरने की आदत है ,
पर हमे गिरा न पाओगे ,
भोले हैं हम , नादान नही ।
कभी धोखा देकर जित गये ,
अब खेल खेलते नये- नये ,
आईने में देखो तो जरा ,
इंसान हो , क्या शैतान नही ।
अब इम्तहान इतना मत लो ,
ईमान बेचकर मत खेलो ,
ऊँचे पद पे बैठे हो मगर ,
इंसान ही हो भगवान नही ।
ईमान नही, इंसान नही ।
मेरी दौलत , मेरी रहने दो ,
ईमान मेरा ,सामान नही ।
इक बार गिरे ,दो बार गिरे ,
तुमको गिरने की आदत है ,
पर हमे गिरा न पाओगे ,
भोले हैं हम , नादान नही ।
कभी धोखा देकर जित गये ,
अब खेल खेलते नये- नये ,
आईने में देखो तो जरा ,
इंसान हो , क्या शैतान नही ।
अब इम्तहान इतना मत लो ,
ईमान बेचकर मत खेलो ,
ऊँचे पद पे बैठे हो मगर ,
इंसान ही हो भगवान नही ।
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