इश्क जब हद से गुजर जाता है ।
जहाँ भी देखिये इश्क नजर आता है ।
इश्क फिर होठों से बयाँ नही किया जाता ,
दिल ही कहता है और दिल से ही सुना जाता है ।
जहाँ भी देखिये इश्क नजर आता है ।
इश्क फिर होठों से बयाँ नही किया जाता ,
दिल ही कहता है और दिल से ही सुना जाता है ।
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