हर हाल में मैं खुश हूँ , ये मेरी वफा है ।
पर अबतलक तू गम में है , ये तेरी सज़ा है ।
आसान है तू कर के खता , मांग ले मांफी ,
मैं माफ़ करूं या न करूं , मेरी रज़ा है ।
मैंने कहा जब प्यार , तो समझे नही थे तुम ,
अब चुप रहूँ , तो भी तुम्हे मुझसे गिला है ।
कितना खराब हाल था , तेरे प्यार में मेरा ,
तुमको तो हर बार मुझसे , प्यार मिला है ।
मै तडपी बहुत फिर भी , तुम्हे दर्द न हुआ ,
फिर किस तरह कहते हो , दिल मुझसे जुड़ा है ।
कितने हसीन पल थे , जब साथ थे हम - तुम ,
अब तन्हा - तन्हा रहना ,कहो कितना बुरा है ।
मैंने तो झूठा प्यार ही , खोया है मुझे क्या ,
फुरसत में कभी सोंचना , तेरा क्या गया है ।
पर अबतलक तू गम में है , ये तेरी सज़ा है ।
आसान है तू कर के खता , मांग ले मांफी ,
मैं माफ़ करूं या न करूं , मेरी रज़ा है ।
मैंने कहा जब प्यार , तो समझे नही थे तुम ,
अब चुप रहूँ , तो भी तुम्हे मुझसे गिला है ।
कितना खराब हाल था , तेरे प्यार में मेरा ,
तुमको तो हर बार मुझसे , प्यार मिला है ।
मै तडपी बहुत फिर भी , तुम्हे दर्द न हुआ ,
फिर किस तरह कहते हो , दिल मुझसे जुड़ा है ।
कितने हसीन पल थे , जब साथ थे हम - तुम ,
अब तन्हा - तन्हा रहना ,कहो कितना बुरा है ।
मैंने तो झूठा प्यार ही , खोया है मुझे क्या ,
फुरसत में कभी सोंचना , तेरा क्या गया है ।
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