कोई प्रेम सा मन में घोलो ना ,
जाने - जां कुछ तो बोलो ना ।
अच्छा हो , बुरा तुम बोलो ना ,
पर ये क्या की तुम बोलो ना ।
दिल में जो लगकर चुभ जाये ,
कोई बात तीर सा बोलो ना ।
पर यूँ गुमसुम न रहा करो ,
दिल जलता है कुछ बोलो ना ।
रूठे हो , अब कब मानोगे ,
जानेमन कुछ तो बोलो ना ।
सूना - सूना सा लगता है ,
जब भी तुम कुछ भी बोलो ना ।
कुछ गिला करो कुछ प्यार करो ,
अनबन छोडो मुंह खोलो ना ।
अब कसम मेरी जो ना बोले ,
पत्थर हो क्या कुछ डोलो ना ।
कोई प्रेम सा मन में घोलो ना ,
जाने जां कुछ तो बोलो ना ।
जाने - जां कुछ तो बोलो ना ।
अच्छा हो , बुरा तुम बोलो ना ,
पर ये क्या की तुम बोलो ना ।
दिल में जो लगकर चुभ जाये ,
कोई बात तीर सा बोलो ना ।
पर यूँ गुमसुम न रहा करो ,
दिल जलता है कुछ बोलो ना ।
रूठे हो , अब कब मानोगे ,
जानेमन कुछ तो बोलो ना ।
सूना - सूना सा लगता है ,
जब भी तुम कुछ भी बोलो ना ।
कुछ गिला करो कुछ प्यार करो ,
अनबन छोडो मुंह खोलो ना ।
अब कसम मेरी जो ना बोले ,
पत्थर हो क्या कुछ डोलो ना ।
कोई प्रेम सा मन में घोलो ना ,
जाने जां कुछ तो बोलो ना ।
No comments:
Post a Comment