ढूंढा बहुत तो जाना , कबसे गुमशुदा है दिल ।
मेरी सुनता नहीं है आजकल , मुझसे जुदा है दिल ।
इक वो हैं , बड़े आराम से , जीते हमारे बिन ,
इसी इक बात से , बेवजह हमसे खफा है दिल ।
अकड़ते हैं बहुत ज्यादा , वो अपनी होशियारी पे ,
उन्हें मालूम शायद ना हो , कितना बेवफा है दिल ।
धडकता है , किसी के नाम पे , और है ,किसी का दिल ,
जिसका है , नही उसका , तो फिर किसका सगा है दिल ।
मेरी सुनता नहीं है आजकल , मुझसे जुदा है दिल ।
इक वो हैं , बड़े आराम से , जीते हमारे बिन ,
इसी इक बात से , बेवजह हमसे खफा है दिल ।
अकड़ते हैं बहुत ज्यादा , वो अपनी होशियारी पे ,
उन्हें मालूम शायद ना हो , कितना बेवफा है दिल ।
धडकता है , किसी के नाम पे , और है ,किसी का दिल ,
जिसका है , नही उसका , तो फिर किसका सगा है दिल ।
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