प्यार जितना भी है , सब दिल में छुपा लेते हैं ।
कह भी दे तो क्या , शिकवों के सिलसिले होंगे ।
मुझे फिर दर्द की राहों से , गुजरना होगा ,
तुम्हें भी फिर से , उन्हीं बातों के गिले होंगे ।
मुझे बड़ा दर्द हुआ , साथ तेरा खोने से ,
तुम्हे थोड़े से सही , दर्द तो मिले होंगे ।
सब कुछ जान के भी , तुम जो आजमाते रहे ,
कभी सोचा न , कितनी बार दिल जले होंगे ।
घाव दिल के , जतन कर के भी न भरे होंगे ,
तभी तो छोड़ तुम्हे , दूर हम चले होंगे ।
कह भी दे तो क्या , शिकवों के सिलसिले होंगे ।
मुझे फिर दर्द की राहों से , गुजरना होगा ,
तुम्हें भी फिर से , उन्हीं बातों के गिले होंगे ।
मुझे बड़ा दर्द हुआ , साथ तेरा खोने से ,
तुम्हे थोड़े से सही , दर्द तो मिले होंगे ।
सब कुछ जान के भी , तुम जो आजमाते रहे ,
कभी सोचा न , कितनी बार दिल जले होंगे ।
घाव दिल के , जतन कर के भी न भरे होंगे ,
तभी तो छोड़ तुम्हे , दूर हम चले होंगे ।
No comments:
Post a Comment