नफरत बोते है , और कहते हैं ,
ऐतवार कहाँ है ।
दिल को तोड़ के , पूछते हैं ,
बता प्यार कहाँ है ।
किससे पूछे की चमन में,
उदासी क्यूँ है ।
चलो दिल में ही तलाशे ,
वो गुनहगार कहाँ है ।
ऐतवार कहाँ है ।
दिल को तोड़ के , पूछते हैं ,
बता प्यार कहाँ है ।
किससे पूछे की चमन में,
उदासी क्यूँ है ।
चलो दिल में ही तलाशे ,
वो गुनहगार कहाँ है ।
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