मुहब्बत का जरा सा दर्द ये , रहने दे सीने में ,
लगाया दांव पे खुद को ,तो ये एहसास पाया है ।
किसी ने दौलतें जोड़ी , किसी ने शोहरतें जोड़ी ,
हमने तो जिन्दगी देकर , ये दर्दे दिल कमाया है ।
भरम में थे जो हम अपना, समझ बैठे बेगाने को ,
वो जो कल पराया था , वो अब भी पराया है ।
लुभाना छोड़ दो हमको , ख़ुशी का वास्ता देकर ,
जहाँ की झूठी खुशियों से, हमे ये गम ही भाया है ।
वफा की आस में तरसें मगर , आया न वो मुरके ,
इक ये दर्द है अपना , न चाहा तब भी आया है ।
कसम तुमको ऐ दर्दे - गम , दिल से दूर मत जाना ,
हमारी बदनसीबी है , सबने दामन छुड़ाया है ।
लगाया दांव पे खुद को ,तो ये एहसास पाया है ।
किसी ने दौलतें जोड़ी , किसी ने शोहरतें जोड़ी ,
हमने तो जिन्दगी देकर , ये दर्दे दिल कमाया है ।
भरम में थे जो हम अपना, समझ बैठे बेगाने को ,
वो जो कल पराया था , वो अब भी पराया है ।
लुभाना छोड़ दो हमको , ख़ुशी का वास्ता देकर ,
जहाँ की झूठी खुशियों से, हमे ये गम ही भाया है ।
वफा की आस में तरसें मगर , आया न वो मुरके ,
इक ये दर्द है अपना , न चाहा तब भी आया है ।
कसम तुमको ऐ दर्दे - गम , दिल से दूर मत जाना ,
हमारी बदनसीबी है , सबने दामन छुड़ाया है ।
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