जो चाहो तो दिल को , खतावार कह दो ,
मेरी बेबसी को , मेरी हार कह दो ।
खालो मगर तुम , तरस मेरे दिल पर ,
सनम तुम मेरे हो , बस इक बार कहदो ।
जो तुम भी न समझो , तो किससे कहेंगे ,
मेरे दिल पे होगा ये , उपकार कह दो ।
चुरा लोगे हर गम , मेरे दिल में छुपके ,
तुम्हे साथ मेरा , है स्वीकार कह दो ।
पता है जलन कितनी , होती है दिल में ,
ये दिल , तुम्हारा है बीमार कह दो ।
मुहब्बत में जाने क्यूँ ,है इतनी उलझन ,
तुम भी बने हो क्यूँ , दिवार कह दो ।
कह - कह के हम थक गये प्यार तुमको ,
तुम भी तो हंसके , कभी प्यार कहदो ।
मेरी बेबसी को , मेरी हार कह दो ।
खालो मगर तुम , तरस मेरे दिल पर ,
सनम तुम मेरे हो , बस इक बार कहदो ।
जो तुम भी न समझो , तो किससे कहेंगे ,
मेरे दिल पे होगा ये , उपकार कह दो ।
चुरा लोगे हर गम , मेरे दिल में छुपके ,
तुम्हे साथ मेरा , है स्वीकार कह दो ।
पता है जलन कितनी , होती है दिल में ,
ये दिल , तुम्हारा है बीमार कह दो ।
मुहब्बत में जाने क्यूँ ,है इतनी उलझन ,
तुम भी बने हो क्यूँ , दिवार कह दो ।
कह - कह के हम थक गये प्यार तुमको ,
तुम भी तो हंसके , कभी प्यार कहदो ।
No comments:
Post a Comment