थक जाओ जब अपनी रंगीन मिजाजी से ,
तब सोचना तुमने क्या खोया है क्या पाया ।
ताकत बहुत थी तुममे दुनियां को जीतने की ,
अफ़सोस है इतना की तू खुद से न जीत पाया ।
तब सोचना तुमने क्या खोया है क्या पाया ।
ताकत बहुत थी तुममे दुनियां को जीतने की ,
अफ़सोस है इतना की तू खुद से न जीत पाया ।
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