जालिम जहाँ वाले हैं की जीने नही देते ,
कमबख्त मुहब्बत है की मरने नही देता ।
नाकारा समझती है , दुनियां हम क्या करें ,
ये दिल है की कोई काम ही करने नही देता ।
इस दिल के लेन - देन में , धोखे बहुत हुए ,
अच्छा यही होता की ये दिल ही नही होता ।
कटपुतली बना रखा है इस दिल ने बेवजह ,
जाने क्यूँ दिल पे किसी का बस नही होता ।
कमबख्त मुहब्बत है की मरने नही देता ।
नाकारा समझती है , दुनियां हम क्या करें ,
ये दिल है की कोई काम ही करने नही देता ।
इस दिल के लेन - देन में , धोखे बहुत हुए ,
अच्छा यही होता की ये दिल ही नही होता ।
कटपुतली बना रखा है इस दिल ने बेवजह ,
जाने क्यूँ दिल पे किसी का बस नही होता ।
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