कहता था मुझे, वो है मेरी तकदीर का हिस्सा ,
जिसे दिल में सजाते हैं , उस तस्वीर का हिस्सा ।
जब परदा उठा , तब ये हकीकत सामने आई ,
वो भी है बहुत मजबूर , किसी भीड़ का हिस्सा ।
जिसे दिल में सजाते हैं , उस तस्वीर का हिस्सा ।
जब परदा उठा , तब ये हकीकत सामने आई ,
वो भी है बहुत मजबूर , किसी भीड़ का हिस्सा ।
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