बड़े शौक से प्यार करते हैं वो ।
मुहब्बत में मेरी संवरते है वो ।
रहे दूर हम , राह तकते तो हैं ,
मगर पास जाते, अकड़ते हैं वो।
कहने को कुछ पास आते तो हैं ,
मगर पूछते ही ,मुकड़ते हैं वो ।
इक पल में ही प्यार आता है उनको ,
इक पल में ही फिर बिगड़ते है वो ।
समझते नहीं मेरी मजबूरियों को ,
हर बात पे अपनी अड़ते हैं वो ।
सारा जहाँ नफरत करता है जिससे ,
मेरी उस अदा पे ही , मरते हैं वो ।
आते जो हैं प्यार हमसे जताने ,
पूछे कोई फिर वो लड़ते हैं क्यों ।
मुहब्बत में मेरी संवरते है वो ।
रहे दूर हम , राह तकते तो हैं ,
मगर पास जाते, अकड़ते हैं वो।
कहने को कुछ पास आते तो हैं ,
मगर पूछते ही ,मुकड़ते हैं वो ।
इक पल में ही प्यार आता है उनको ,
इक पल में ही फिर बिगड़ते है वो ।
समझते नहीं मेरी मजबूरियों को ,
हर बात पे अपनी अड़ते हैं वो ।
सारा जहाँ नफरत करता है जिससे ,
मेरी उस अदा पे ही , मरते हैं वो ।
आते जो हैं प्यार हमसे जताने ,
पूछे कोई फिर वो लड़ते हैं क्यों ।
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