नफरत बहुत है जमाने के दिल में ,
मुहब्बत भरे अपने दिल में छुपालो ।
बहुत ही बड़ा है सनम दिल तुम्हारा ,
मुझे भी कहीं अपने दिल में समालो ।
रोये बहुत याद में हम तुम्हारी ,
आँखों से अब आंसुओं को चुरालो ।
लड़ते हुए इस जमाने से तन्हा ,
बहुत थक गई आओ तुम्ही सम्भालो ।
बहुत बार तुमने है आके उबारा ,
हूँ मझधार में फिर से आके बचालो ।
नाराज हम तुमसे होंगे न यारा ,
चाहे हमे आके जितना सतालो ।
इस बार भी बीती सूनी दिवाली ,
लो इस बार भी तुम मेरा दिल जलालो ।
मुहब्बत भरे अपने दिल में छुपालो ।
बहुत ही बड़ा है सनम दिल तुम्हारा ,
मुझे भी कहीं अपने दिल में समालो ।
रोये बहुत याद में हम तुम्हारी ,
आँखों से अब आंसुओं को चुरालो ।
लड़ते हुए इस जमाने से तन्हा ,
बहुत थक गई आओ तुम्ही सम्भालो ।
बहुत बार तुमने है आके उबारा ,
हूँ मझधार में फिर से आके बचालो ।
नाराज हम तुमसे होंगे न यारा ,
चाहे हमे आके जितना सतालो ।
इस बार भी बीती सूनी दिवाली ,
लो इस बार भी तुम मेरा दिल जलालो ।
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