इक दांव मै चलूंगी इक दांव तुम चलो ,
है खेल मुहब्बत का कोई जंग नही है ।
तुम हो बड़े माहिर इस खेल में हमदम ,
मै इस तरफ तन्हा कोई संग नही है ।
ये क्या की अपनी जीत पे मगरूर हो गये ,
जाओ जी तुम्हे खेलने का ढंग नही है ।
इस खेल ने यारा तुझे कितना बदल दिया ,
अब प्यार का चेहरे पे कोई रंग नही है ।
मत सोंचना आँखों में हैं ये हार के आंसू ,
तुम जीते हो इस बात से हम दंग नही है ।
तुम क्यूँ हँसे अब जाओ मुझे खेलना नही ,
तुम भूल गये प्यार है ये जंग नही है ।
है खेल मुहब्बत का कोई जंग नही है ।
तुम हो बड़े माहिर इस खेल में हमदम ,
मै इस तरफ तन्हा कोई संग नही है ।
ये क्या की अपनी जीत पे मगरूर हो गये ,
जाओ जी तुम्हे खेलने का ढंग नही है ।
इस खेल ने यारा तुझे कितना बदल दिया ,
अब प्यार का चेहरे पे कोई रंग नही है ।
मत सोंचना आँखों में हैं ये हार के आंसू ,
तुम जीते हो इस बात से हम दंग नही है ।
तुम क्यूँ हँसे अब जाओ मुझे खेलना नही ,
तुम भूल गये प्यार है ये जंग नही है ।
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