सच बोलने का सर मेरे , इल्जाम कर दिया ,
बेअदब कहके , मुझे बदनाम कर दिया ।
जब झूठी शान गाई , तो सर पे बिठा लिया ,
फरमाया हकीकत तो , सरेआम कर दिया ।
हर एक को यकीन , दिलाये तो किस तरह ,
न जाने किसने ,सच्चा मेरा नाम कर दिया ।
वो कहते हैं , दिल तोड़ते नही है किसी का ,
बस इसलिए पीया की आगे जाम कर दिया ।
उसने कहा बुरा तो , हंसके टाल गये हम ,
हमने कहा तो , जीना ही हराम कर दिया ।
बेईमान दिल न जाने , किसका हो गया जाके ,
उसकी तलाश में , सुबह से शाम कर दिया ।
थक गया लिख-लिख के कलम, कुछ नही बदला ,
अच्छा हुआ , हाथो को कुछ आराम कर दिया ।
बेअदब कहके , मुझे बदनाम कर दिया ।
जब झूठी शान गाई , तो सर पे बिठा लिया ,
फरमाया हकीकत तो , सरेआम कर दिया ।
हर एक को यकीन , दिलाये तो किस तरह ,
न जाने किसने ,सच्चा मेरा नाम कर दिया ।
वो कहते हैं , दिल तोड़ते नही है किसी का ,
बस इसलिए पीया की आगे जाम कर दिया ।
उसने कहा बुरा तो , हंसके टाल गये हम ,
हमने कहा तो , जीना ही हराम कर दिया ।
बेईमान दिल न जाने , किसका हो गया जाके ,
उसकी तलाश में , सुबह से शाम कर दिया ।
थक गया लिख-लिख के कलम, कुछ नही बदला ,
अच्छा हुआ , हाथो को कुछ आराम कर दिया ।
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