यूँ ही नही कोई हालात से डरता होगा ।
झूठ कहता है तो सच बात से डरता होगा ।
तन्हा छोड़ गया होगा जब कोई राहों में ,
इसीलिए वो किसी साथ से डरता होगा ।
नींद जब लाख मनाने से न मानी होगी ,
तभी वो जागती हर रात से डरता होगा ।
नही देता है किसी को भी अपने दिल का पता ,
पुराने जख्म के आघात से डरता होगा ।
कभी फुर्सत में भी खुद से हंसके मिलता नही ,
दिल जलाते हुए जज्बात से डरता होगा ।
यूँ ही नही कोई हालात से डरता होगा ।
झूठ कहता है तो सच बात से डरता होगा ।
झूठ कहता है तो सच बात से डरता होगा ।
तन्हा छोड़ गया होगा जब कोई राहों में ,
इसीलिए वो किसी साथ से डरता होगा ।
नींद जब लाख मनाने से न मानी होगी ,
तभी वो जागती हर रात से डरता होगा ।
नही देता है किसी को भी अपने दिल का पता ,
पुराने जख्म के आघात से डरता होगा ।
कभी फुर्सत में भी खुद से हंसके मिलता नही ,
दिल जलाते हुए जज्बात से डरता होगा ।
यूँ ही नही कोई हालात से डरता होगा ।
झूठ कहता है तो सच बात से डरता होगा ।
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