घुटती हुई सांसें तेरी , मेरी पनाह में ।
टूटा हुआ दिल , दर्द सुनाता है राह में ।
मत पूछ की मैंने निभाई कैसे दोस्ती ,
बेचैन जब हुआ है तू , डूबी मैं आह में ।
मैंने तो है हर हाल में , निभाई दोस्ती ,
दुश्मन बना लिया भले , तूने निगाह में ।
अच्छा बुरा जो भी कहा , नफरत न थी मेरी ,
बरबादियों से कर रही थी , बस आगाह मैं ।
तू बैर निभाता रहा है , मुझसे बेवजह ,
और दोस्ती निभाती रही , बेपनाह मैं ।
टूटा हुआ दिल , दर्द सुनाता है राह में ।
मत पूछ की मैंने निभाई कैसे दोस्ती ,
बेचैन जब हुआ है तू , डूबी मैं आह में ।
मैंने तो है हर हाल में , निभाई दोस्ती ,
दुश्मन बना लिया भले , तूने निगाह में ।
अच्छा बुरा जो भी कहा , नफरत न थी मेरी ,
बरबादियों से कर रही थी , बस आगाह मैं ।
तू बैर निभाता रहा है , मुझसे बेवजह ,
और दोस्ती निभाती रही , बेपनाह मैं ।
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