चांदनी रात में जलना ही मुकद्दर है मेरी ।
न जाने कितनी बेकरारी अंदर है मेरी ।
मेरी कहानी इतनी सी है हमदम मेरे ,
प्यासे बैठे हैं, आँखों में समन्दर है मेरी ।
न जाने कितनी बेकरारी अंदर है मेरी ।
मेरी कहानी इतनी सी है हमदम मेरे ,
प्यासे बैठे हैं, आँखों में समन्दर है मेरी ।
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