Thursday, March 7, 2013

तुम मुझको अच्छे लगते हो

कभी मैं देखूं कभी तुम देखो ,
मैं मुस्काऊ तुम मुस्काओ ।
मैं कुछ बोलू फिर तुम बोलो ,
फिर मिलना आते जाते हो ।
फिर रोज - रोज मुलाकातें हो ।
मैं तोहफे दूँ तुम तोहफे दो ।
कुछ पल लम्हें यूँ ही बीतें ,
संग -संग हँसते गाते जीते ।
तब जाके राजे दिल खोले ,
एहसास कहें हौले - हौले ।
फिर प्यार भरा आलिंगन हो ,
तब जाके प्रेममय जीवन हो ।
पर इन बातों का वक्त कहाँ ,
तुम भी ये बात समझते हो ।
लो सीधा - सीधा कहती हूँ ,
तुम मुझको अच्छे लगते हो । 

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