जिन्होंने जीवन जीने का सच्चा ज्ञान दिया।
अच्छे बुरे का भेद बताया ।
जिन्होंने बार - बार मेरी गलतियों को माफ़ किया।
जिनका हाथ मेरे सर पर कल भी था, आज भी है , कल भी होगा।
जिनका मार्गदर्शन स्वार्थरहित है।
जिनका एक मात्र लक्ष्य मेरा हित है।
वही मेरा अंत उसी से सब शुरू है,
वो ममतामयी मेरी माँ ही मेरी गुरु हैं।
By
प्रीति सुमन
अच्छे बुरे का भेद बताया ।
जिन्होंने बार - बार मेरी गलतियों को माफ़ किया।
जिनका हाथ मेरे सर पर कल भी था, आज भी है , कल भी होगा।
जिनका मार्गदर्शन स्वार्थरहित है।
जिनका एक मात्र लक्ष्य मेरा हित है।
वही मेरा अंत उसी से सब शुरू है,
वो ममतामयी मेरी माँ ही मेरी गुरु हैं।
By
प्रीति सुमन
No comments:
Post a Comment