बनते- बनते रह गई जो , बात तो हम क्या करें,
दे सके ना उम्रभर वो साथ तो हम क्या करें।
कर गये थे मिलने का वादा सनम मुझसे मगर,
रह गई आधी अगर मुलाकात तो हम क्या करें।
जल गया जो हसरतों की आग में ये तन बदन,
आये उसके बाद जो , बरसात तो हम क्या करें।
आरजू हमने भी की थी , रौशनी के साये की,
आ गई काली अँधेरी , रात तो हम क्या करें।
हाथों में मेंहदी रचाए , रह गये हम देखते
वो न आया ले के जो , बारात तो हम क्या करें
जश्न होता महफिल होती , गूंजती शहनाइयां
दे गया पर यार गम सौगात तो हम क्या करें।
दे सके ना उम्रभर वो साथ तो हम क्या करें।
कर गये थे मिलने का वादा सनम मुझसे मगर,
रह गई आधी अगर मुलाकात तो हम क्या करें।
जल गया जो हसरतों की आग में ये तन बदन,
आये उसके बाद जो , बरसात तो हम क्या करें।
आरजू हमने भी की थी , रौशनी के साये की,
आ गई काली अँधेरी , रात तो हम क्या करें।
हाथों में मेंहदी रचाए , रह गये हम देखते
वो न आया ले के जो , बारात तो हम क्या करें
जश्न होता महफिल होती , गूंजती शहनाइयां
दे गया पर यार गम सौगात तो हम क्या करें।
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