सुभाष गाँधी नेहरू सा , महान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए|
जो प्रेम सत्य शांति की , राह को चुने ,
हर एक दिन दुर्बल , की आह को सुने ,
कर के दिखाए पूरा , जिस स्वप्न को बुने ,
आँखों को अपने स्वप्न का सम्मान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए |
जो आया हो माता का , कर्ज चुकाने ,
जो आया हो बेटा का , फर्ज निभाने ,
जो भटके को आया , सही दिशा दिखाने,
थक चुकी दिशाएं , अवशान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए |
कलानिधि हैं कितने पर , चमक की है कमी,
सुमन तो है चमन में पर , गमक की है कमी ,
सूर्य है लाखों मगर , दहक की है कमी ,
करदे जो प्रज्वलित ह्रदय , वो सूर्यभान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए |
तोड़ दे पुरानी जो , घिसी पिटी प्रथा ,
जो मिटा दे देश से , कलेश की कथा ,
जो सुने ह्रदय से , मातृभूमि की विथा ,
राष्ट जिसपे कर सके , अभिमान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए | |
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए|
जो प्रेम सत्य शांति की , राह को चुने ,
हर एक दिन दुर्बल , की आह को सुने ,
कर के दिखाए पूरा , जिस स्वप्न को बुने ,
आँखों को अपने स्वप्न का सम्मान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए |
जो आया हो माता का , कर्ज चुकाने ,
जो आया हो बेटा का , फर्ज निभाने ,
जो भटके को आया , सही दिशा दिखाने,
थक चुकी दिशाएं , अवशान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए |
कलानिधि हैं कितने पर , चमक की है कमी,
सुमन तो है चमन में पर , गमक की है कमी ,
सूर्य है लाखों मगर , दहक की है कमी ,
करदे जो प्रज्वलित ह्रदय , वो सूर्यभान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए |
तोड़ दे पुरानी जो , घिसी पिटी प्रथा ,
जो मिटा दे देश से , कलेश की कथा ,
जो सुने ह्रदय से , मातृभूमि की विथा ,
राष्ट जिसपे कर सके , अभिमान चाहिए ,
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए | |
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