बादल ग़मों के न मंडराने पाए ,
हर रोज खुशियों की बरसात हो |
ख्वाहिश रही जो अधूरी हो पूरी,
आनेवाला पल एक सौगात हो |
न जंग न बैर न हो दुश्मनी ,
बस दोस्त की दोस्ती साथ हो |
अरमां सजे सारे गुलशन के जैसे,
मीठे से हर एक जज्बात हो |
मिलते रहे हाथ से हाथ अब तक,
मिले दिल से दिल वो मुलाकात हो ||
हर रोज खुशियों की बरसात हो |
ख्वाहिश रही जो अधूरी हो पूरी,
आनेवाला पल एक सौगात हो |
न जंग न बैर न हो दुश्मनी ,
बस दोस्त की दोस्ती साथ हो |
अरमां सजे सारे गुलशन के जैसे,
मीठे से हर एक जज्बात हो |
मिलते रहे हाथ से हाथ अब तक,
मिले दिल से दिल वो मुलाकात हो ||
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