हैं मिलते रहे हाथ से हाथ अब तक ,
नहीं गर मुहब्बत हो मुझसे ओ यारा ,
है बनते हुए को तो सब ने बनाया ,
भागा करोगे तबाही से कब तक ,
कभी जश्ने -गम भी मना करके देखो।
अभी तक तो अपने लिए ही जिए तुम ,
कभी मेरी खातिर वफा करके देखो।
मिलेंगे कभी तो किसी राह पर हम ,
हँसी सपने ऐसे सजा करके देखो।
दफन है जो दिल में वो यादों का मौसम ,
जो तन्हा रहो तो जगा करके देखो।
छोडो भी अब तुम बहाने बनाना ,
खिलातें रहें फूल गमले में अब तक ,
तुम्हें हो रही फिक्र क्यूँ बेवजह की ,
नहीं दिल्लगी है ये ओरों के जैसी ,
कभी दिल से दिल भी मिला करके देखो।
नहीं गर मुहब्बत हो मुझसे ओ यारा ,
तो शिकवे शिकायत गिला करके देखो।
है बनते हुए को तो सब ने बनाया ,
कभी काम बिगड़ा बना करके देखो।
भागा करोगे तबाही से कब तक ,
कभी जश्ने -गम भी मना करके देखो।
दिलाउँ तुम्हें किस तरह मैं भरोसा ,
भरम अपने दिल का दफा करके देखो।
भरम अपने दिल का दफा करके देखो।
अभी तक तो अपने लिए ही जिए तुम ,
कभी मेरी खातिर वफा करके देखो।
मिलेंगे कभी तो किसी राह पर हम ,
हँसी सपने ऐसे सजा करके देखो।
दफन है जो दिल में वो यादों का मौसम ,
जो तन्हा रहो तो जगा करके देखो।
छोडो भी अब तुम बहाने बनाना ,
नहीं आ सको तो बुला करके देखो।
खिलातें रहें फूल गमले में अब तक ,
कभी फूल दिल में खिला करके देखो।
तुम्हें हो रही फिक्र क्यूँ बेवजह की ,
''मेरी दोस्ती '' आजमां करके देखो।
नहीं दिल्लगी है ये ओरों के जैसी ,
है सोना खड़ा ये तपा करके देखो।।
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