तेरी जिंदगी हो या हो मेरी जिंदगी ,
दिखती है सरल होती है पर टेढ़ी जिन्दगी।
सुलझा सका न कोई जिन्दगी का फलसफा,
है उलझनों मुसीबतों की ढेरी जिन्दगी।
हर रोज सिखाती है नये ढंग जिन्दगी,
चलती है सुख और दुःख के संग जिन्दगी।
कहने को है जहाँ में कई जानकार पर ,
ना जाने कोई कब बदल ले रंग जिन्दगी।
देती है जिन्दगी में कई नाम जिन्दगी ,
कई खास तो होती है कई आम जिन्दगी।
बढती है जितनी उतनी ही घटती है पलपल
ऐसे ही हुई जाती है तमाम जिन्दगी।
कभी दर्द कभी गम है कभी प्यार जिन्दगी ,
कभी जीत मयस्सर तो कभी हार जिन्दगी।
हर एक जिन्दगी का है वजूद जहाँ में ,
होती नही कभी कोई बेकार जिन्दगी।
ना जाने किसने कब कहाँ बनाई जिन्दगी ,
पा के भी ना ये जाना कि कब पाई जिन्दगी।
जितना भी जिए जीने कि चाहत नही गई ,
कुछ और कि उम्मीद पे ललचाई जिन्दगी।
है तंगहाल सी हुई हर एक जिन्दगी ,
लगती है सदा दूसरों कि नेक जिन्दगी।
कहने को तो इन्सान बड़ा खुशमिजाज है
जलता है मगर दूसरों कि देख जिन्दगी।
देती है साथ उम्रभर है मीत जिन्दगी ,
गाए अगर इसे तो बने गीत जिन्दगी।
है सोचना हमें कि जिए इसको किस तरह ,
हर मोड़ पे सिखलाती नई रीत जिन्दगी।
लाती है कैसे - कैसे अजब मोड़ जिन्दगी ,
देती है हौसलों को कभी तोड़ जिन्दगी।
हम जिन्दगी का साथ देते रहें सदा ,
देती है एक दिन साथ छोड़ जिन्दगी।।
सुलझा सका न कोई जिन्दगी का फलसफा,
है उलझनों मुसीबतों की ढेरी जिन्दगी।
हर रोज सिखाती है नये ढंग जिन्दगी,
चलती है सुख और दुःख के संग जिन्दगी।
कहने को है जहाँ में कई जानकार पर ,
ना जाने कोई कब बदल ले रंग जिन्दगी।
देती है जिन्दगी में कई नाम जिन्दगी ,
कई खास तो होती है कई आम जिन्दगी।
बढती है जितनी उतनी ही घटती है पलपल
ऐसे ही हुई जाती है तमाम जिन्दगी।
कभी दर्द कभी गम है कभी प्यार जिन्दगी ,
कभी जीत मयस्सर तो कभी हार जिन्दगी।
हर एक जिन्दगी का है वजूद जहाँ में ,
होती नही कभी कोई बेकार जिन्दगी।
ना जाने किसने कब कहाँ बनाई जिन्दगी ,
पा के भी ना ये जाना कि कब पाई जिन्दगी।
जितना भी जिए जीने कि चाहत नही गई ,
कुछ और कि उम्मीद पे ललचाई जिन्दगी।
है तंगहाल सी हुई हर एक जिन्दगी ,
लगती है सदा दूसरों कि नेक जिन्दगी।
कहने को तो इन्सान बड़ा खुशमिजाज है
जलता है मगर दूसरों कि देख जिन्दगी।
देती है साथ उम्रभर है मीत जिन्दगी ,
गाए अगर इसे तो बने गीत जिन्दगी।
है सोचना हमें कि जिए इसको किस तरह ,
हर मोड़ पे सिखलाती नई रीत जिन्दगी।
लाती है कैसे - कैसे अजब मोड़ जिन्दगी ,
देती है हौसलों को कभी तोड़ जिन्दगी।
हम जिन्दगी का साथ देते रहें सदा ,
देती है एक दिन साथ छोड़ जिन्दगी।।
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