कुछ काली सी कुछ भूरी सी , कुछ होती हैं नीली आँखें,
कुछ आघातों से सुनी सी , कुछ हर्षित चमकीली आँखें ,
कई उभरी सी और बड़ी-बड़ी , कई धंसी हुई डूबी आँखें,
कई राग-रंग में फँसी हुई , कुछ तंगहाल उबी आँखें ,
पलकों के नीचे छुपी हुई , दुनिया को दिखलाती आँखें ,
कुछ डरी-डरी सी सहमी सी , बचपन की घबराती आँखें ,
कुछ पाने पे कुछ खोने पे , हो जाती है गीली आँखें ,
यौवन का आना और होना , सपनों से रंगीली आँखें ,
बिछुडों से मिलने का वो सुख , खुशियों से भरी खिली आँखें ,
गिरती उठती मिलती छुपती , दुल्हन की शर्मीली आँखें ,
कभी हार जीत में फँसी हुई , बेसब्री में उलझी आँखे ,
कई आशा और निराशा में , बोझिल सी बुझी-बुझी आँखे ,
वो इंतजार में अपनों की , इकटक राहें तकती आँखें ,
हो सूनापन और तन्हाई , और रातों को जगती आँखे ,
यादों में अपने सजना की , सजनी की है खोई आँखें ,
है राज ये लाली खोल रही , की रातों को रोई आँखें ,
वो लाचारी और झुरियों में , अंतिम घड़ियाँ गिनती आँखें ,
बीते लम्हों के साये से , कुछ प्यारे पल बिनती आँखें ,
है नूर भी ये मगरूर भी ये , है नाज भरी कातिल आँखें ,
लाखों पहरों के आगे भी , लेती - देती है दिल आँखें ,
जो बोल नहीं पाते ये लब , वो बातें भी कहती आँखें ,
सब भूल भी जाये कोई पर , है याद सदा रहती आँखें ,
कुछ आघातों से सुनी सी , कुछ हर्षित चमकीली आँखें ,
कई उभरी सी और बड़ी-बड़ी , कई धंसी हुई डूबी आँखें,
कई राग-रंग में फँसी हुई , कुछ तंगहाल उबी आँखें ,
पलकों के नीचे छुपी हुई , दुनिया को दिखलाती आँखें ,
कुछ डरी-डरी सी सहमी सी , बचपन की घबराती आँखें ,
कुछ पाने पे कुछ खोने पे , हो जाती है गीली आँखें ,
यौवन का आना और होना , सपनों से रंगीली आँखें ,
बिछुडों से मिलने का वो सुख , खुशियों से भरी खिली आँखें ,
गिरती उठती मिलती छुपती , दुल्हन की शर्मीली आँखें ,
कभी हार जीत में फँसी हुई , बेसब्री में उलझी आँखे ,
कई आशा और निराशा में , बोझिल सी बुझी-बुझी आँखे ,
वो इंतजार में अपनों की , इकटक राहें तकती आँखें ,
हो सूनापन और तन्हाई , और रातों को जगती आँखे ,
यादों में अपने सजना की , सजनी की है खोई आँखें ,
है राज ये लाली खोल रही , की रातों को रोई आँखें ,
वो लाचारी और झुरियों में , अंतिम घड़ियाँ गिनती आँखें ,
बीते लम्हों के साये से , कुछ प्यारे पल बिनती आँखें ,
है नूर भी ये मगरूर भी ये , है नाज भरी कातिल आँखें ,
लाखों पहरों के आगे भी , लेती - देती है दिल आँखें ,
जो बोल नहीं पाते ये लब , वो बातें भी कहती आँखें ,
सब भूल भी जाये कोई पर , है याद सदा रहती आँखें ,
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