दिन रात करूँ सुबह शाम करूँ , जब जी चाहे आराम करूँ ,
बीते ऐसे ही अब जीवन , जी करता ना कोई काम करूँ ,
ये भाग दौड़ है क्यूँ करना , इस उलझन में है क्यूँ पड़ना ,
इन जोड़-तोड़ से क्या होगा , आखिर तो इक दिन है मरना ,
जाने सब क्यूँ बेचैन रहे , सपनों में खोये नैन रहे ,
ये जीना भी कोई जीना है , ना नींद रहे ना चैन रहे ,
जो होना है वो होता है , कोई पाता है कोई खोता है ,
कोई पत्थर से सर फोड़ रहा , कोई तान के चादर सोता है ,
दुनिया मारे हमको ताने , आये हमे अपनी समझाने ,
पर पक्के हम अपनी धुन के , हम तो अपनी मन की माने ,
जो होता है वो हो बेकल , हमको न गंवाने है ये पल ,
हम आज में जीने वाले हैं , देखेंगे जो होना हो कल ,
है अपने लिए हरपल हरक्षण , है ऐसो आराम भरा जीवन ,
परवाह नहीं करनी हमको , चाहे कहे कोई इसे आलसपन |
बीते ऐसे ही अब जीवन , जी करता ना कोई काम करूँ ,
ये भाग दौड़ है क्यूँ करना , इस उलझन में है क्यूँ पड़ना ,
इन जोड़-तोड़ से क्या होगा , आखिर तो इक दिन है मरना ,
जाने सब क्यूँ बेचैन रहे , सपनों में खोये नैन रहे ,
ये जीना भी कोई जीना है , ना नींद रहे ना चैन रहे ,
जो होना है वो होता है , कोई पाता है कोई खोता है ,
कोई पत्थर से सर फोड़ रहा , कोई तान के चादर सोता है ,
दुनिया मारे हमको ताने , आये हमे अपनी समझाने ,
पर पक्के हम अपनी धुन के , हम तो अपनी मन की माने ,
जो होता है वो हो बेकल , हमको न गंवाने है ये पल ,
हम आज में जीने वाले हैं , देखेंगे जो होना हो कल ,
है अपने लिए हरपल हरक्षण , है ऐसो आराम भरा जीवन ,
परवाह नहीं करनी हमको , चाहे कहे कोई इसे आलसपन |
No comments:
Post a Comment