बेचैनियों से दो पल को राहत तो कर सकूं ,
तुझसे अपने गम की, शिकायत तो कर सकूं |
चाहे न चाहे तू मुझे , मर्जी तेरी मगर ,
तू चाहे मुझे इतनी मै चाहत तो कर सकू |
ए मेरे खुदा तुझे उलझन है क्या बता ,
इतना तो करम हो , मै इबादत तो कर सकू |
ये बता मै क्यूँ नही तेरे प्यार के काबिल ,
कम से कम मैं कम, ये आफत तो कर सकू |
तू ही बता मेरे लिए , कोई रास्ता हो तो ,
कुछ भी मै तेरे प्यार के, बाबत तो कर सकूं |
इक बार साथ चलने का भरोसा जो दे मुझे,
तेरे लिए किस्मत से ,बगावत तो कर सकू |
तुझसे अपने गम की, शिकायत तो कर सकूं |
चाहे न चाहे तू मुझे , मर्जी तेरी मगर ,
तू चाहे मुझे इतनी मै चाहत तो कर सकू |
ए मेरे खुदा तुझे उलझन है क्या बता ,
इतना तो करम हो , मै इबादत तो कर सकू |
ये बता मै क्यूँ नही तेरे प्यार के काबिल ,
कम से कम मैं कम, ये आफत तो कर सकू |
तू ही बता मेरे लिए , कोई रास्ता हो तो ,
कुछ भी मै तेरे प्यार के, बाबत तो कर सकूं |
इक बार साथ चलने का भरोसा जो दे मुझे,
तेरे लिए किस्मत से ,बगावत तो कर सकू |
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