कितनी उलझन हैं इन दिल के सवालातों में ,
न जाने कौन सी तलाश है इन आँखों में ।
सब कुछ पास है फिर भी कुछ कमी सी है ,
दिल में दर्द है और आँखों में नमी सी है ।
वजह पता हो तो दर्दे-गम की दवा करते ,
बिना जाने ही गम किस तरह दफा करते ।
जिस मरहम की चाहत किया करता है दिल ,
वही जब पास में आता है तो डरता है दिल ।
गम भरे दिल को तो खुशियों का यकीन नही ,
पाने से पहले ही डरता है इसे खो दे न कहीं ।
करे अब क्या की दिल खुशियों पे ऐतवार करे ,
तलाश ख़त्म करे और जिन्दगी से प्यार करे ।
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