तेरी यादें हसीन है जहाँ की बातों से ,
यकीं न हो जो पूछ लो तन्हा रातों से ।
तेरे तोहफे तो लौटा दिए थे मैंने मगर ,
चुराके रखें हैं कई पल मुलाकातों से ।
कभी मुस्कान बन जाते हैं ये होठों की ,
तो बरसते हैं कभी दर्द बनके आँखों से ।
छुपाये रखे हैं जो याद हमने सीने में ,
महकते है वो अब भी मेरी सांसों से ।
चले जाये कहीं भी दूर यारा हम तुमसे,
की दूर जा नही पाए इन जज्बातों से ।
जीत के आ गये दुनिया की हर मुश्किल,
लेकिन हार गये हम तुम्हारी यादों से ।
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