मुझे मालूम है की मै तेरे लायक नही लेकिन ,
दिल का मै करू क्या , ये बस में नही रहता |
फट जाता मेरे दर्द से ही , आज मेरा दिल ,
जो सामने तेरे मै , हाले दिल नही कहता |
तेरे सपने,तेरी दुनिया तेरी राहे जुदा मुझसे ,
तू थामे हाथ मेरे साथ आगे चल नही सकता |
मगर एक बार जो तुम मुझे आवाज दे देते ,
जहाँ कहते तुम्हारे वास्ते उस राह पे रुकता |
तुमने कही जो बात वो , सच्ची रही लेकिन ,
समझता हूँ पर दिल को मै समझा नही पाता |
ना जाने क्यूँ तेरी आरजू दिल से नही जाती ,
इक पल के लिए भी चैन, दिल को नही आता |
तुम्हारे पास रहके भी अधूरापन सताता है ,
दूर जा के भी दिल से मेरे , तू नही जाता |
अपने हालत की तुझसे भला शिकवा करूं कैसे ,
किस्मत में जो लिखा है , वही लिखा तो मै पाता |
मुझे कोई गम नही जो मुझपे तुम्हे प्यार न आया ,
बस इतना ही है काफी , तुझे नफरत नही आता ।
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