सब के अपने -अपने गम है ।
गम के मारे तुम हो हम है ।
जीवन का मतलब ही ये है ,
सहलो जितना उतना कम है ।
नींद नही है चैन नही है ,
दर्द है इतना आँखें नम है ।
तेज है धड़कन दम घुटता है ,
हर इक साँस में जी बेदम है ।
ह़ार न फिर भी मानी हमने ,
जीने का जज्बा ना कम है ।
जैसे हैं जिस हाल में भी है ,
ऑरों से ज्यादा खुश हम है ।
ऑरों से ज्यादा खुश हम है ।
BEAUTIFUL
ReplyDeleteshukriya Ashok Khachar ji
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