जान छोड़ी जा सके न इश्क छोड़ा जा सके ,
या खुदाया किसकदर मुश्किल बनादी जिन्दगी ।
एक दिन ऐसा भी था बस प्यार था और खुशियाँ थी ,
जाने हमने किस गली में वो गंवादी जिंदगी ।
लोग सारे हंस रहे हैं छीन कर मासूमियत ,
बेसबब ही दाव पर हमने लगादी जिंदगी ।
क्या हंसी वो दिन थे अपने कितनी मीठी रात थी ,
इश्क के दर पे चढ़ादी सीधी - सादी जिन्दगी ।
या खुदाया किसकदर मुश्किल बनादी जिन्दगी ।
एक दिन ऐसा भी था बस प्यार था और खुशियाँ थी ,
जाने हमने किस गली में वो गंवादी जिंदगी ।
लोग सारे हंस रहे हैं छीन कर मासूमियत ,
बेसबब ही दाव पर हमने लगादी जिंदगी ।
क्या हंसी वो दिन थे अपने कितनी मीठी रात थी ,
इश्क के दर पे चढ़ादी सीधी - सादी जिन्दगी ।
लोग सारे हंस रहे हैं छीन कर मासूमियत ,
ReplyDeleteबेसबब ही दाव पर हमने लगादी जिंदगी ।
क्या हंसी वो दिन थे अपने कितनी मीठी रात थी ,
इश्क के दर पे चढ़ादी सीधी - सादी जिन्दगी ।
वाह!