हालात के मारे हुए रोते भी हैं हँसते भी हैं ।
तोड़े तो नही जा सके टूटे हुए लगते भी हैं ।
तूफ़ान सा उठता है गम तबाह करने को जहाँ ,
डरते भी हैं पर हौसला चट्टान सा रखते भी हैं ।
तोड़े तो नही जा सके टूटे हुए लगते भी हैं ।
तूफ़ान सा उठता है गम तबाह करने को जहाँ ,
डरते भी हैं पर हौसला चट्टान सा रखते भी हैं ।
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