मैं और कोई बात करूं अच्छा नही लगता ।
प्यार कहूँ प्यार सुनूँ अच्छा लगता है ,
पर दर्द कहूँ दर्द सुनूँ अच्छा नही लगता ।
किसके पास गम नही है इस जहान में ,
बस मैं ही इक हल्ला करूं अच्छा नही लगता ।
तुमने ही दिया दर्द है तुम्ही न सुनोगे ,
किसी और से शिकवा करूँ अच्छा नही लगता ।
दिन भर तुम्हारी याद में बेचैन रहूँ मैं ,
और रातभर रोया करूँ अच्छा नही लगता ।
क्या रखा है दुनियां में कहो प्यार के सिवा ,
बिना प्यार के जिन्दा रहूँ अच्छा नही लगता ।
प्यार कहूँ प्यार सुनूँ अच्छा लगता है ,
पर दर्द कहूँ दर्द सुनूँ अच्छा नही लगता ।
किसके पास गम नही है इस जहान में ,
बस मैं ही इक हल्ला करूं अच्छा नही लगता ।
तुमने ही दिया दर्द है तुम्ही न सुनोगे ,
किसी और से शिकवा करूँ अच्छा नही लगता ।
दिन भर तुम्हारी याद में बेचैन रहूँ मैं ,
और रातभर रोया करूँ अच्छा नही लगता ।
क्या रखा है दुनियां में कहो प्यार के सिवा ,
बिना प्यार के जिन्दा रहूँ अच्छा नही लगता ।
No comments:
Post a Comment