Sunday, June 2, 2013

शायरी

मेरी रात लम्बी हो गई दिल जल रहा बे - इन्तहां ,

ऐ दिल कहाँ से लाऊं मैं बतला तेरे गम की दवा ।

सबके लिए जो सुकून है मेरे लिए वो बद्दुआ ,

हम होश में तो रहे नही तुम ही कहो हमे क्या हुआ । 

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