रहने दो तमाशा ये दोस्ती के नाम का ।
न हम तेरे न तुम मेरे रिश्ता है नाम का ।
सुबह हुई दुआ सलाम की हो गये यार ,
और शाम ढलते ढलते सब किस्सा तमाम था ।
न हम तेरे न तुम मेरे रिश्ता है नाम का ।
सुबह हुई दुआ सलाम की हो गये यार ,
और शाम ढलते ढलते सब किस्सा तमाम था ।
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