उसे मेरी याद आई है की मौसम ही कुछ ऐसा है ,
यूँ ही तो नही सुबह से हिचकी आ रही मुझको ।
जरा सी बात है की उसको मेरी याद आई है ,
न जाने क्यूँ बहुत ही याद उसकी आ रही मुझको ।
ये अच्छा है की मेरी याद उसको आ गई लेकिन ,
ये अच्छा नही की याद उसकी आ रही मुझको ।
की अब न नींद आएगी की रातें यूँही जाएगी ,
इरादा यादों का क्या है समझ में आ रही मुझको ।
वफाओं का सिला है ये मुहब्बत में मिला है ये ,
की बस ये हाल है की याद उसकी आ रही मुझको ।
यूँ ही तो नही सुबह से हिचकी आ रही मुझको ।
जरा सी बात है की उसको मेरी याद आई है ,
न जाने क्यूँ बहुत ही याद उसकी आ रही मुझको ।
ये अच्छा है की मेरी याद उसको आ गई लेकिन ,
ये अच्छा नही की याद उसकी आ रही मुझको ।
की अब न नींद आएगी की रातें यूँही जाएगी ,
इरादा यादों का क्या है समझ में आ रही मुझको ।
वफाओं का सिला है ये मुहब्बत में मिला है ये ,
की बस ये हाल है की याद उसकी आ रही मुझको ।
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